शनिवार, 26 जनवरी 2019


आयुर्वेदिक पेड,पौधौ के बारे मे जानकारी
काट सावर, सावरी ,
Bombex ceiba,Bombax salmalla,Bombax malabaracum


दोस्तों, आज मै आपको अलग से दिखने वाला, आसानी से पहचान जाने वाला वृक्ष के बारे मे जानकारी देने जा रहा हू।
यह पेड जमीन से लेकर तने तक छाल पर कांटे निकले होते है,ईसलिये इसे दूसरों से बचाव होता है और यह वृक्ष 20से 60 मिटर बडा होने पर कांटे छोड देता है।लकडी नरम हल्की होती है।इसे और भाषाओं मे अलग अलग  नाम है👇
  • Vietnamese - (Cây) gạo rừng, gòn rừng
  • Chinese - 木棉
  • Cantonese (Jyutping) - Muk6 min4
  • Sinhala - Katu Imbul (කටු-ඉඹුල්) [8]
  • English - silk cotton tree, kapok tree
  • Hindi - शाल्मली Shalmali, सेमल Semal
  • Bahasa Indonesia - Randu alas
  • Manipuri - Tera
  • Assamese - শিমলু (ximolu)
  • Odia- simili (ଶିମୁଳି)
  • Tamil - Sittan, Sanmali, Kongam (கோங்கம்)
  • Kannada - Buruga (ಬುರುಗ)
  • Malayalam - Unnamurika
  • Marathi-सांवर, कांटे सांवर
  • Urdu - Sumbal
  • Bengali - শিমুল Shimul, Shalmali
  • Nepali - सिमल
  • Sanskrit - Shalmali
  • Sylheti - ꠢꠤꠝꠟ (himol)
  • Telugu - Buruga
  • Marathi - Savar, Kate Savar
  • Filipino - Malabulak (Tagalog)
जंगल मे  सबसेे बडा पेड होने से लंंगूरबंदर,पक्षी ईसपर अपना डेरा डालते है
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 पत्ते झड़ने के बाद इसपर फूल आते है। सभी ईस मेजबनी का आनंद लेते है।फूल से लदा पेड बहूत सुंदर  दीखता है,जंगल मे हो या रास्तो के किनारे यह अपनी अलग अंदाज मे दिखता है
ईसकी कच्चे फलों, फूलों की सब्जी बनाकर  खाने से शरीर मे स्फूर्ति  आती है।

इसके फल से रूई मतलब कपास निकलती है जो गद्दे बनाकर रखने से गर्दन की बिमारी ठीक होती है


ईसकी लकडी जलाने,डोंगा बनाने,नाव बनाने,माचीस की तिल्ली बनाने, तथा फलों के बाॅक्स बनाने मे बहूत उपयोग मे आती है।
यह पेड मलेशिया, इंडोनेशिया, चिन,हाॅगकाॅग और हैवान मे रोड तथा खेती मे लगाया जाता है।

आयुर्वेदिक उपचार-आदीवासी तथा कोंकणी लोंगो के विचार से

1)कुल्हाड़ी या कीसी धारदार चिज घाव होने पर छाल कूटकर लगाने  से पल्स नही बनता तथा जल्दी घाव भर जाता है

2)स्त्रियों मेwhite discharge ,प्रदर,पदर, मे छाल कूटकर उसमे मिस्री(खडीसाखर ) और जिरा मिलाकर खाने से 10दिनों मे ठीक होता है

3)न्यूमोनिया,कफ,खांसी होने से अंदर की खाल निकालकर कूटकर पिलाया जाता है

4)माहवरी (मासिक पाळी) मे जादा रक्तस्राव  जाता हो तो लोग आज भी सांवरी +बेर+आम तीनों की छाल इकट्ठा करके कूटकर काढा बनाकर टेस्ट के लिये थोडी चिनी(साखर) मिलाकर  कूछ दिन पिलाते है।

5)कीसी बाहरी पीड़ा जादूटोना होने पर होली,शीमगा (लोहडी) के दिन पैर मे सावरी के पेड की'वाक'दोरी बाधते है।

6)होली के दिन इसकी लकड़ी का बहूत महत्व है बगैर लकडी के होली नही जलाते।

7)तीन कांटा, तुलसी के तीन पत्ते और 1 नमक का दाना मुँह मे चबाने से होंठ और मूॅह लाल होता है
8)ऋग्वेद शाल्मली कहते है , रथ बनाने मे उपयोग होता था।
9)यह ज्येष्ठ नक्षत्र का पेड है।
यह ना।
10)चेहरे पर पिंपल्स  मे-कांटो को पिसकर दूध मे मिलाकर लगाते है।
11) पाईल्स मे जड की पावडर 10ग्राम पाणी के साथ सूबह शाम लेना है।
 12)ईसके गुणों को देखकर आज तक 5पेटेंट aids, skincare, piles cream product ने लिये है।


👇आप निचे लिंक से यूट्यूब पर काँटे सावरा का विडीयो देखो और पूरी जानकारी आपको मिलेगी ।https://youtu.be/QF-x5SCwfho


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